पवित्र विचारों का प्रवाह

पवित्र विचारों का प्रवाह

पवित्र विचारों का प्रवाह ही ,
मधुर व प्रभावशाली वाणी का ,
मूल स्त्रोत है I
Baba Ramdev

पवित्र विचारों का प्रवाह

पवित्र विचारों का प्रवाह

पवित्र विचारों का प्रवाह ही ,
मधुर व प्रभावशाली वाणी का ,
मूल स्त्रोत है I
Baba Ramdev

कभी भी

कभी भी

यदि बचपन व माँ की कोख की याद,
हमें रहे तो , 
हम कभी भी माँ-बाप के ,
खिलाफ नहीं हो सकते I
Baba Ramdev

माता-पिता के चरणों में

माता-पिता के चरणों में

माता-पिता के चरणों में ही चारों धाम हैं , 
माता-पिता इस धरती के भगवान हैं I
Baba Ramdev

विचारवान व संस्कारवान मनुष्य

विचारवान व संस्कारवान मनुष्य

विचारवान व संस्कारवान मनुष्य ही ,
अमीर व महान होता है ,
तथा विचारहीन मनुष्य कंगाल ,
और दरिद्र होता है I
Baba Ramdev

विचारों की अपवित्रता

विचारों की अपवित्रता

  विचारों की अपवित्रता ही हिंसा, 
अपराध, क्रूरता, शोषण, अन्याय, 
 अधर्म और भ्रष्टाचार का कारण है I
Baba Ramdev

सुख-दुःख का कारण

सुख-दुःख का कारण

हमारे सुख-दुःख का कारण ,
दूसरे व्यक्ति या परिस्थितियाँ नहीं ,
अपितु हमारे अच्छे या बूरे विचार होते हैं I
Baba Ramdev

 विश्वास की परकाष्ठा

विश्वास की परकाष्ठा

प्रेम, वासना नहीं उपासना है , 
वासना का उत्कर्ष प्रेम की हत्या है, 
प्रेम समर्पण एवं विश्वास की परकाष्ठा है I
Baba Ramdev

 ममता

ममता

जहाँ मैं और मेरा जुड़ जाता है ,
वहाँ  ममता,  प्रेम, करुणा ,
व समर्पण होता हैं I
Baba Ramdev